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7 Oct 2024 · 1 min read

सदा दे रहे

ये जीने का इक हौसला दे रहे
कई लोग मुझको दुआ दे रहे

ये तिनके का घर अब बचेगा नहीं
वो शोलों को इतनी हवा दे रहे

जिन्हें ना ख़ुदा तुम समझने लगे
यही तो सफ़ीने डुबा दे रहे

मिरी जाँ के दुश्मन यही लोग हैं
जो विश में मिला के दवा दे रहे

वो बहरे हैं अंधे नहीं हैं जिन्हें
मुसीबत के मारे सदा दे रहे
~अंसार एटवी

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