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1 Jul 2024 · 1 min read

कुछ क्षणिकाएं:

कुछ क्षणिकाएं:

याद और बरसात :

सो गई रात
साथ लिए
यादों के आघात
…………………….
यादों के आघात
आग बढ़ाए
सावन की बरसात
……………………
सावन की बरसात
अंग अंग में आग लगे
काटे कटे न रात
……………………………
काटे कटे न रात
सुधियों से न जा सकी
वो पहली बरसात
……………………….
वो पहली बरसात
दे गई वो देह पर
स्पर्शों की सौगात
…………………..

सुशील सरना/1-7-24

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