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27 Jun 2024 · 1 min read

कोई एहसान उतार रही थी मेरी आंखें,

कोई एहसान उतार रही थी मेरी आंखें,
आंसू बहते गए मगर दिल नहीं पसीजा

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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