Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

व्यवहारिकता का दौर

व्यवहारिकता का दौर
दुनिया रंग बदल रही है,व्यवहारिकता का दौर है,
प्यार-प्रीति सब पीछे छूट गए,हर रिश्ता अब स्वार्थ का मौज है।।
दोस्ती भी अब लेन-देन है,सम्मान भी अब पैसों से है,
मदद भी अब मतलब से है,दुनिया है अब फ़ायदे की रेशम है।।
रिश्ते अब बंधन नहीं,बाज़ार की दुकानें हैं,
जहाँ भावनाओं की कीमत है,और प्यार की दुकानें हैं।।
दिलों का मिलन अब दुर्लभ है,स्वार्थ की दीवारें ऊँची हैं,
हर कोई खुद में मस्त है,रिश्तों की कश्तियाँ डूबी हैं।।
क्या यही है प्रगति की दौड़?क्या यही है सभ्यता की नींव?
जहाँ रिश्तों की कीमत है पैसा,और इंसानियत हुई है गुमनाम।।सोचिये ज़रा इस बदलाव पर,कहाँ जा रहे हैं हम सब?
शायद एक दिन इंसान भी बिक जाएगा,जब भावनाओं की होगी कोई दुकान नहीं।।
आओ मिलकर करें हम प्रयास,इस व्यावहारिकता को मिटाएं,
रिश्तों में फिर से प्यार लाएं,और इंसानियत की ज्योति जलाएं।।

172 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आकुल बसंत!
आकुल बसंत!
Neelam Sharma
कैसे मैं खुशियाँ पिरोऊँ ?
कैसे मैं खुशियाँ पिरोऊँ ?
Saraswati Bajpai
सफर जिंदगी का
सफर जिंदगी का
Sunil Maheshwari
एक तेरा दिल
एक तेरा दिल
Lekh Raj Chauhan
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
Ranjeet kumar patre
उल्फत में रुसवा हुए, मुफ्त हुए बदनाम ।
उल्फत में रुसवा हुए, मुफ्त हुए बदनाम ।
sushil sarna
खुद्दार
खुद्दार
अखिलेश 'अखिल'
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
gurudeenverma198
सत्य की पूजा होती है
सत्य की पूजा होती है
Ghanshyam Poddar
विषय-घटता आँचल
विषय-घटता आँचल
Priya princess panwar
छलकते आँसू छलकते जाम!
छलकते आँसू छलकते जाम!
Pradeep Shoree
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
कवि रमेशराज
बुजुर्ग बाबूजी
बुजुर्ग बाबूजी
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
G
G
*प्रणय प्रभात*
महान गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की काव्यमय जीवनी (पुस्तक-समीक्षा)
महान गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की काव्यमय जीवनी (पुस्तक-समीक्षा)
Ravi Prakash
आप कई लोगों की तुलना में  बेहतर और लाख गुना बेहतर ओर सहूलियत
आप कई लोगों की तुलना में बेहतर और लाख गुना बेहतर ओर सहूलियत
पूर्वार्थ
कोरोना कविता (6)
कोरोना कविता (6)
Mangu singh
अंजाम
अंजाम
TAMANNA BILASPURI
"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ज़िन्दगी में
ज़िन्दगी में
Santosh Shrivastava
सफ़र कोई अनजाना हो...
सफ़र कोई अनजाना हो...
Ajit Kumar "Karn"
जो लिखा है वही , वो पढ़ लेगा ,
जो लिखा है वही , वो पढ़ लेगा ,
Dr fauzia Naseem shad
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
वफा
वफा
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
काजल
काजल
Neeraj Kumar Agarwal
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
Sanjay ' शून्य'
"स्त्री के पास"
Dr. Kishan tandon kranti
चंद रोज की शौहरत
चंद रोज की शौहरत
साहित्य गौरव
Loading...