उल्फत में रुसवा हुए, मुफ्त हुए बदनाम । उल्फत में रुसवा हुए, मुफ्त हुए बदनाम । आँसू आहों का मिला , इस दिल को ईनाम ।। सुशील सरना / 19-2-25