बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
तेरे दिल में है अहमियत कितनी,
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए..
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
बधाई का गणित / *मुसाफ़िर बैठा