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9 Jun 2024 · 1 min read

हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल

हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
हवा-ए-हिज्र ने कुछ ख़ुश्क पत्ते ही उतारे हैं

मीनाक्षी मासूम

hare hain zakhm saare sabr thoda aur kar le dil
hawa-e-hijr ne kuchh khushk patte hi utaare hain

– Meenakshi Masoom

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