Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2024 · 2 min read

ये दुनिया

डॉ अरुण कुमार शास्त्री

शतरंज का खेल बनाने वाला और ये दुनिया बनाने वाला दोनों मिले हुये हैं । दोनों को अच्छे से पता है इस दुनिया की रणनीति और राजनीति । दोनों नीतियों में और शतरंज के खेल और दुनिया दारी में लेश मात्र भी अंतर नहीं अंग्रेजी कहावत man supposes god disposes यहाँ खरी उतरती है । हम इंसान अपनी बुद्धि पर ज्यादा भरोसा करते है – कहा भी जाता है अधिकतर you are very emotional be practical this world does not run by heart , wisdom is most required in the worldly work.
पिछले दस साल एक प्रधान मंत्री के नाते और उससे पिछले दस साल एक मुख्यमंत्री के नाते आदरणीय मोदी जी ने कुल मिला कर अभी तक 21 साल लगातार जीत हंसिल करी बहुत आत्मविश्वास निकल कर सामने आया दुनिया भर में भारत का वर्चस्व व प्रगति स्थापित करी । जिनके लिए घर वार दुनिया दारी सब त्याग कर निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया उसी आत्मविश्वास से एक नारा दिया अबकी बार 400 पार । अबकी बार 400 पार लेकिन हुआ क्या । जो हुआ वो आपके सामने हैं । इसके लिए किसी तराजू की जरूरत नहीं । सम्पूर्ण भारत में सिर्फ 45 से 53 प्रतिशत वोट वाह भाई वाह एक भारतीय डेमोक्रेसी के मंदिर के पुजारी के चुनाव के लिये निकल कर नहीं आया 5 साल में एक बार होते हैं चुनाव । एसी की हवा खाता रहा वाह जी वाह और शातिर लोग अपनी चाल चल गए । देश का विकास रुक गया प्रगति की योजनाए खटाई में पड़ गई वंदे भारत ।
इसी लिए लिखा
शतरंज का खेल बनाने वाला और ये दुनिया बनाने वाला दोनों मिले हुये हैं । दोनों को अच्छे से पता है इस दुनिया की रणनीति और राजनीति । दोनों नीतियों में और शतरंज के खेल और दुनिया दारी में लेश मात्र भी अंतर नहीं अंग्रेजी कहावत man supposes god disposes यहाँ खरी उतरती है । हम इंसान अपनी बुद्धि पर ज्यादा भरोसा करते है

यहाँ सारी की सारी बुद्धि काम नहीं आती – ऊपर वाले का भी कुछ हिसाव है – हुहीये वही जो राम रची रखा

132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all

You may also like these posts

कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
इशरत हिदायत ख़ान
साथ तुम्हारा छुटा कुछ दिन ,अब तेरे बिन रह ना सकेंगे !
साथ तुम्हारा छुटा कुछ दिन ,अब तेरे बिन रह ना सकेंगे !
DrLakshman Jha Parimal
कोई   बोली    लगा    नहीं   सकता
कोई बोली लगा नहीं सकता
Dr fauzia Naseem shad
दुःख भरा धुंध छट जायेगा
दुःख भरा धुंध छट जायेगा
नूरफातिमा खातून नूरी
काश ऐसा हो, रात तेरी बांहों में कट जाए,
काश ऐसा हो, रात तेरी बांहों में कट जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
Umender kumar
3939.💐 *पूर्णिका* 💐
3939.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सोशल मीडिया का जाल
सोशल मीडिया का जाल
पूर्वार्थ
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Ritu Asooja
काश.! मैं वृक्ष होता
काश.! मैं वृक्ष होता
Dr. Mulla Adam Ali
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
दीपक बवेजा सरल
🙅वक़्त का तक़ाज़ा🙅
🙅वक़्त का तक़ाज़ा🙅
*प्रणय प्रभात*
* मिट जाएंगे फासले *
* मिट जाएंगे फासले *
surenderpal vaidya
नि:स्तब्धता
नि:स्तब्धता
Meera Thakur
हो विसर्जन
हो विसर्जन
Seema gupta,Alwar
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
Neelofar Khan
अच्छी-अच्छी बातें (बाल कविता)
अच्छी-अच्छी बातें (बाल कविता)
Ravi Prakash
तिरस्कार
तिरस्कार
rubichetanshukla 781
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Neha
'मेरे गुरुवर'
'मेरे गुरुवर'
Godambari Negi
पल पल है जिंदगी जिले आज
पल पल है जिंदगी जिले आज
Ranjeet kumar patre
????????
????????
शेखर सिंह
My dear  note book.
My dear note book.
Priya princess panwar
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
बच्चों की परीक्षाएं
बच्चों की परीक्षाएं
Dhirendra Singh
हसीं पल
हसीं पल
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
ललकार की पुकार
ललकार की पुकार
ललकार भारद्वाज
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।
Abhishek Soni
दोहा पंचक. . . . मौसम आया प्यार का
दोहा पंचक. . . . मौसम आया प्यार का
sushil sarna
A 3
A 3
Iamalpu9492
Loading...