शिक्षा इतनी अद्भुत होती है की,
" बढ़ चले देखो सयाने "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
मेरे घर के सामने एक घर है छोटा सा
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139 शब्द-दांद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
तमाशा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
ये ज़िंदगी एक अजीब कहानी है !!
You lived through it, you learned from it, now it's time to
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}