Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2024 · 1 min read

ललकार की पुकार

पुकार रही हैं देश की माटी,
ललकार मिटाना दुश्मन को।

कर्ज बहुत हैं इस माटी के,
ललकार चुकाना तुम उन को।।

मर्द बहुत हैं इस माटी में,
ललकार जगाना अब इनको।

अब ये ही तो फर्ज हमारा,
ललकार भगाना दुश्मन को।।

जन्मभूमि हैं यह अपनी,
ललकार समझाना दुश्मन को।

एकता बहुत हैं भारत में,
ललकार दिखाना दुश्मन को।।

प्यार बहुत हैं दिलों में अपने,
ललकार जताना दुश्मन को।
बुरी नहीं हैं नजर हमारी,
ललकार बताना दुश्मन को।।

पर उनकी हैं बुरी नजर,
ललकार बताना दुश्मन को।
प्यार बहुत हैं हम लोगों में,
ललकार दिखाना दुश्मन को।।

लोभ नहीं हैं जान का हमको,
ललकार बताना दुश्मन को।
प्यार भी हैं दिलों में अपने,
ललकार दिखाना दुश्मन को।।

गुस्सा बहुत हैं दिल में अपने,
ललकार दिखाना दुश्मन को।
फौलादी हैं मजबूत इरादे,
ललकार गिरना दुश्मन को।।

डटे रहे हैं डटे रहेंगे,
ललकार गिराना दुश्मन को।
पाप नहीं हैं दिल में अपने,
ललकार दिखाना दुश्मन को।।

डरते नहीं हैं उनसे हम,
ललकार डरना दुश्मन को।
बैर नहीं हैं मन में अपने,
ललकार सुनना दुश्मन को।।

नहीं झुके हैं नहीं झुकेंगे,
ललकार झुकाना दुश्मन को।
नहीं रुके हैं नहीं रुकेंगे,
ललकार रोकना दुश्मन को।।

नहीं हटे हैं नहीं हटेंगे,
ललकार हटाना दुश्मन को।
बहुत दबे हैं अब तक हम तो,
ललकार दबाना दुश्मन को।।

ना हारे हैं ना हारेंगे,
ललकार हराना दुश्मन को।
पीछे से ना वार किया हैं,
पीछे से ना वार करेंगे,
ललकार बताना दुश्मन को।।

ललकार भारद्वाज

Language: Hindi
75 Views
Books from ललकार भारद्वाज
View all

You may also like these posts

माया
माया
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
रिश्ते
रिश्ते
Neeraj Agarwal
- तुम मुझको क्या जानोगे -
- तुम मुझको क्या जानोगे -
bharat gehlot
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
यक्षिणी - 2
यक्षिणी - 2
Dr MusafiR BaithA
हिचकियां कम कभी नहीं होतीं
हिचकियां कम कभी नहीं होतीं
Dr fauzia Naseem shad
*शाश्वत सत्य*
*शाश्वत सत्य*
Shashank Mishra
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
पुरखों के गांव
पुरखों के गांव
Mohan Pandey
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे  शुभ दिन है आज।
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
Anil chobisa
रास्ते का फूल ना बन पाई तो..
रास्ते का फूल ना बन पाई तो..
Priya Maithil
तु मैंनू प्यार दे
तु मैंनू प्यार दे
Swami Ganganiya
कहीं से निकल जाना
कहीं से निकल जाना
Abhishek Rajhans
*इस धरा पर सृष्टि का, कण-कण तुम्हें आभार है (गीत)*
*इस धरा पर सृष्टि का, कण-कण तुम्हें आभार है (गीत)*
Ravi Prakash
वह ख्वाब सा मेरी पलकों पे बैठा रहा
वह ख्वाब सा मेरी पलकों पे बैठा रहा
Kajal Singh
हम तुम एक डाल के पंछी ~ शंकरलाल द्विवेदी
हम तुम एक डाल के पंछी ~ शंकरलाल द्विवेदी
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
"त्याग की देवी-कोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
Suryakant Dwivedi
ना कोई सुनने वाला है ना कोई पढ़ने वाला है किसे है वक्त कुछ कह
ना कोई सुनने वाला है ना कोई पढ़ने वाला है किसे है वक्त कुछ कह
DrLakshman Jha Parimal
दूसरो की लाइफ मैं मत घुसा करो अपनी भी लाइफ को रोमांचक होगी।
दूसरो की लाइफ मैं मत घुसा करो अपनी भी लाइफ को रोमांचक होगी।
Iamalpu9492
जिंदगी ढल गई डोलते रह गये
जिंदगी ढल गई डोलते रह गये
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
VINOD CHAUHAN
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
*Solace*
*Solace*
Veneeta Narula
बिछड़ गए तो दिल उम्र भर लगेगा नहीं
बिछड़ गए तो दिल उम्र भर लगेगा नहीं
Ritesh Deo
Need Someone to Write My Assignment for Me in the UK? MyAssignmentHelp.co.uk Has You Covered!
Need Someone to Write My Assignment for Me in the UK? MyAssignmentHelp.co.uk Has You Covered!
Ross William
#अभी_अभी
#अभी_अभी
*प्रणय*
3138.*पूर्णिका*
3138.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माॅ
माॅ
Santosh Shrivastava
Loading...