Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2024 · 1 min read

*मनः संवाद—-*

मनः संवाद—-
31/10/2024

मन दण्डक — नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)
यति– (14,13,11) पदांत– Sl

जीवन है बहता पानी, रोक सका कोई नहीं, है अनंत उद्वेग।
बड़े बड़े चट्टानों को, सतत प्रवाहित की क्रिया, कर देता है रेग।।
जल से मत खिलवाड़ करो, सचमुच महा उदात्तता, ईश्वरीय प्रिय नेग।
जिस दिन तुम पहचानोगे, इसमें अनंत शक्ति है, छेड़ो मत यह तेग।।

जल ने ही है बचा रखा, धरती के अस्तित्व को, लग सकती थी आग।
इतना सामंजस्य भरा, पंचतत्व के मध्य में, कहते सबको प्राग।।
बढ़ा चढ़ा मन मनुष्य का, करता है नादानियाँ, आग लगाता बाग।
जिस दिन जल भी क्रोधित हो, आप्लावित कर दे सभी, छूटेंगे सब ताग।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
━━✧❂✧━━✧❂✧━━✧❂✧━━

85 Views

You may also like these posts

ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
आध्यात्मिक शक्ति व नैतिक मूल्यों से ध्यान से मानसिक शांति मि
आध्यात्मिक शक्ति व नैतिक मूल्यों से ध्यान से मानसिक शांति मि
Shashi kala vyas
जीव सदा संसार में,
जीव सदा संसार में,
sushil sarna
4712.*पूर्णिका*
4712.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
लेखनी से आगे का स्त्रीवाद
लेखनी से आगे का स्त्रीवाद
Shweta Soni
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमनवा
हमनवा
Bodhisatva kastooriya
नया साल आने वाला है
नया साल आने वाला है
विक्रम सिंह
सर सरिता सागर
सर सरिता सागर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"वक्त के साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं मतवाला मस्त फकीरा
मैं मतवाला मस्त फकीरा
लक्ष्मी सिंह
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Harminder Kaur
बुढ़ापा आ गइल बाकिर...
बुढ़ापा आ गइल बाकिर...
आकाश महेशपुरी
फेसबुक वाला प्यार
फेसबुक वाला प्यार
के. के. राजीव
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
जग की तारणहारी
जग की तारणहारी
Vibha Jain
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
"In the tranquil embrace of the night,
Manisha Manjari
Sad shayri
Sad shayri
Surya Barman
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल-जितने घाव पुराने होंगे
ग़ज़ल-जितने घाव पुराने होंगे
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
जंजीर
जंजीर
AJAY AMITABH SUMAN
ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है,
ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है,
Ajit Kumar "Karn"
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
पूर्वार्थ
कुआँ
कुआँ
Dr. Vaishali Verma
The magic of you
The magic of you
Deep Shikha
Loading...