Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

छठी पर्व

दोहे
—–
छठी अलौकिक पर्व है, एक कठिन उपवास ।
अर्क देव को अर्घ्य दें, लेकर दृढ़ विश्वास ।१।

शीतल जल में अर्घ्य ले, खड़े बिना पदत्राण ।
अस्त-उदय होते अरुण, करें सकल कल्याण।२।

सायं पूजें अस्ताचल, उदय होत को भोर ।
हे दिनेश कृपा करो, विनती है करजोर ।३।

रवि अराधना में सजी, यूं दीपक की थाल।
मानो शोभित चाँद है, महादेव के भाल।४।

शुद्ध सनातन धर्म का, यह अनुपम आधार।
सब निर्मल-निर्भय रहें, सुखी बने संसार।५।

– नवीन जोशी ‘नवल’

Language: Hindi
173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ नवीन जोशी 'नवल'
View all

You may also like these posts

लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
शेखर सिंह
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
किस हक से मैं तुमसे अपना हिस्सा मांगूं,
किस हक से मैं तुमसे अपना हिस्सा मांगूं,
Iamalpu9492
प्रेम के बहुत चेहरे है
प्रेम के बहुत चेहरे है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
है कौन वहां शिखर पर
है कौन वहां शिखर पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
Dr fauzia Naseem shad
स्वच्छता
स्वच्छता
Rambali Mishra
बढ़ जाएगी
बढ़ जाएगी
Arvind trivedi
बस ख़ुद को याद दिलाना तुम
बस ख़ुद को याद दिलाना तुम
विजय कुमार अग्रवाल
प्यार की चिंता , कभी रोजगार का पाना
प्यार की चिंता , कभी रोजगार का पाना
दीपक बवेजा सरल
" धेले में "
Dr. Kishan tandon kranti
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सत्य का संधान
सत्य का संधान
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
बहुत दिन हो गए
बहुत दिन हो गए
Meera Thakur
"भँडारे मेँ मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अभिलाषा
अभिलाषा
indu parashar
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गीत- चुराता हूँ सभी का दिल...
गीत- चुराता हूँ सभी का दिल...
आर.एस. 'प्रीतम'
सेज सजायी मीत की,
सेज सजायी मीत की,
sushil sarna
थोड़ा और
थोड़ा और
Varun Singh Gautam
पूर्णिमांजलि काव्य संग्रह
पूर्णिमांजलि काव्य संग्रह
Sudhir srivastava
संदूक पुरानी यादों का!
संदूक पुरानी यादों का!
Pradeep Shoree
हम रहते हैं आपके दिल में
हम रहते हैं आपके दिल में
Jyoti Roshni
कविता-
कविता- "हम न तो कभी हमसफ़र थे"
Dr Tabassum Jahan
Why am I getting so perplexed ?
Why am I getting so perplexed ?
Chaahat
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
इश्क़ मुस्कुराता है
इश्क़ मुस्कुराता है
Anand Kumar
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
Loading...