Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

कलम

आज कलम को तीर बना दूँ,

अपने मन की पीर बना दूँ ।

पत्थर पर जो अमिट रहेगी,

ऐसी एक लकीर बना दूँ।।

– नवीन जोशी ‘नवल’

1 Like · 92 Views
Books from डॉ नवीन जोशी 'नवल'
View all

You may also like these posts

"" *प्रताप* ""
सुनीलानंद महंत
जमीदार की कहानी
जमीदार की कहानी
Prashant Tiwari
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
क्रूर घिनौना पाप
क्रूर घिनौना पाप
RAMESH SHARMA
..
..
*प्रणय*
भीगीं पलकें
भीगीं पलकें
Santosh kumar Miri
वर्णिक छंद में तेवरी
वर्णिक छंद में तेवरी
कवि रमेशराज
रात भी तन्हाई भरी काटना ऐ मेरे दोस्त,
रात भी तन्हाई भरी काटना ऐ मेरे दोस्त,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुरधर मांय रैहवणौ
मुरधर मांय रैहवणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सेवाभाव
सेवाभाव
Rambali Mishra
चाहत
चाहत
Sûrëkhâ
कटे पेड़ को देखने,
कटे पेड़ को देखने,
sushil sarna
রাধা মানে ভালোবাসা
রাধা মানে ভালোবাসা
Arghyadeep Chakraborty
अगर जीवन मे कुछ नहीं हो रहा है यानि सफ़लता नहीं मिल रही है त
अगर जीवन मे कुछ नहीं हो रहा है यानि सफ़लता नहीं मिल रही है त
रुपेश कुमार
फ्लेशबैक
फ्लेशबैक
meenu yadav
पधारो नंद के लाला
पधारो नंद के लाला
Sukeshini Budhawne
कविता-निज दर्शन
कविता-निज दर्शन
Nitesh Shah
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
Sonam Puneet Dubey
4217💐 *पूर्णिका* 💐
4217💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इंतज़ार मिल जाए
इंतज़ार मिल जाए
Dr fauzia Naseem shad
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
" लिखना "
Dr. Kishan tandon kranti
जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे
जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे
©️ दामिनी नारायण सिंह
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
माँ की चाह
माँ की चाह
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पल - प्रतिपल जीवन में अज्ञात सा भय सताएगा ही,
पल - प्रतिपल जीवन में अज्ञात सा भय सताएगा ही,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...