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3 Jun 2024 · 1 min read

चिंतन

चिंतन ( वर्ण पिरामिड)

जो
जैसा
चिंतन
करता है
बन जाता है
वह वैसा सुन
अमर हुआ वह
जिसके मन में
पावन गंगा
अविरल
बहती
नित
हैं।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 56 Views

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