Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

प्रकृति की सुंदरता” (Beauty of Nature):

प्रकृति की सुंदरता
प्रकृति की सुंदरता, अनंत विलास है, पहाड़ों से लेकर मैदानों तक विख्यात है। वनों की चादर बिखेरी हर तरफ़, नदियों की लहरें गाती हैं विलाप।
हरा-भरा पेड़, गुलाबी फूलों की माला, मंदहास के संगीत का प्रशंसा करती है। चिड़ियों की छह छहांव में बसा शोर है, मन को भाती है इसकी सुंदरता का धोर है।
प्रकृति की सुंदरता वर्षा के बूंदों में है, गहरे नीले आकाश में छिपी है। बादलों की देवदारी ने छाया हैंसी छपाई, धरती को सजा रही हैंसी के रंगों से सजाई।
प्रकृति की सुंदरता, ब्रज की रासलीला है, पक्षियों की कथा कहानी सुनाती है। गंगा के तीर पर बैठे साधुओं की तपस्या, मन को भाती है इसकी शांति का नगरी माया।
प्रकृति की सुंदरता, सृष्टि की मधुर रचना है, सौंदर्य का प्रभाव विश्व को भोलाता है। हर जीवित प्राणी को देती है जीने का अधिकार, प्रकृति की सुंदरता, वातावरण की अमर ख़ज़ान है।

Language: Hindi
157 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर
छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
নিমন্ত্রণ
নিমন্ত্রণ
Pijush Kanti Das
प्रेम है तो जता दो
प्रेम है तो जता दो
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बाण माताजी
बाण माताजी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
छल में इतना तेज कहाँ है,
छल में इतना तेज कहाँ है,
संजय निराला
प्रश्नों से मत पूछिए,
प्रश्नों से मत पूछिए,
sushil sarna
आगे हमेशा बढ़ें हम
आगे हमेशा बढ़ें हम
surenderpal vaidya
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
The Natural Thoughts
The Natural Thoughts
Buddha Prakash
जीवन पथ पर चलते जाना कभी नहीं घबराना।
जीवन पथ पर चलते जाना कभी नहीं घबराना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
लिखें हैं नगमें जो मैंने
लिखें हैं नगमें जो मैंने
gurudeenverma198
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
वोट डालने जाना है
वोट डालने जाना है
जगदीश शर्मा सहज
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
Sanjay ' शून्य'
सच्चा मित्र
सच्चा मित्र
पूर्वार्थ
कभी दिल में झाँको तो दिखाऊँ
कभी दिल में झाँको तो दिखाऊँ
Aditya Prakash
मैं, मेरी मौत!!
मैं, मेरी मौत!!
अनिल कुमार निश्छल
प्यार
प्यार
Mansi Kadam
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी की जंग
जिंदगी की जंग
Seema gupta,Alwar
खोते जा रहे हैं ।
खोते जा रहे हैं ।
Dr.sima
3151.*पूर्णिका*
3151.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यह कैसी सामाजिक दूरी
यह कैसी सामाजिक दूरी
ओनिका सेतिया 'अनु '
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
आर.एस. 'प्रीतम'
जिस पर हम ध्यान देना छोड़ देंगे उसका नष्ट होना स्वभाविक है, फ
जिस पर हम ध्यान देना छोड़ देंगे उसका नष्ट होना स्वभाविक है, फ
ललकार भारद्वाज
मेरी मां
मेरी मां
Anop Bhambu
Loading...