प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
रिश्तों की बेशक न हो, लम्बी-खड़ी कतार
वक्त ये बदलेगा फिर से प्यारा होगा भारत ,
कभी आप अपने ही समाज से ऊपर उठकर देखिए।
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
तिरछी गर्दन - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महाभारत का महाकाव्य, कथा अद्भुत पुरानी,
संत कवि पवन दीवान,,अमृतानंद सरस्वती
टेलिस्कोप पर शिक्षक सर्वेश कांत वर्मा जी और छात्रों के बीच ज्ञानवर्धक चर्चा
।। कसौटि ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
उठाये जो तूने जख्म पहले उन्हें अब मात देना चाहता हूं,
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
"तुम्हें कितना मैं चाहूँ , यह कैसे मैं बताऊँ ,