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20 May 2024 · 1 min read

*मातृछाया*

* मातृछाया*

एक नन्हीं सी जान,
जिस पर किस्मत मेहरबान।

देवकी की गोद,
से बिछड़ कर,
पाई यशोदा की गोद।

ममता से भरा आंचल,
नर्म बिछौना, दुलार।
स्वागत में खड़ा है,
जहां स्नेहिल परिवार।

गोद लेने को आतुर,
अनेकों माताएं,
पलक पांवड़े बिछाए, बहुतेरे परिवार।

भगवान की अजब है लीला,
एक ने त्यागा हमने सहेजा,

पाला संभाला,
सौंप दिया उनको,
जिन्हें ईश्वर ने नकारा।।

मातृछाया
मां सी छाया
ममता की छाया।।
(अनाथाश्रम की कथा)

आभा पाण्डेय

Language: Hindi
82 Views

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