Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

जीवन बिता रहे है मजदूर मुफलिसी का ।

ग़ज़ल

—” ” ‘ —-” ‘ ” ” —” ” ‘—-” ‘ ” “—-
जीवन बिता रहे है मजदूर मुफलिसी का ।
जीना हुआ है मुश्किल कोई नहीं किसी का।।

सरकार चैन लूटे हर पल है जो सताते ।
बेबस बनी गरीबी रोना है जिंदगी का ।।

जीवन के दर्द सहते कहते नहीं किसी से ।
मिलता नहीं हक उनको ये जिन्दगी का ।।

है प्यार अब तुम्ही से जाओ ना दूर हमदम ।
जीवन के इस सफ़र में तुम साथ दो दोस्ती का ।।

मजदूर ये हमारे घर सब का है बनाते ।
घर रोड को बना के जीते हैं बेबसी का ।।

रोटी को हैं बिलखते बच्चे सभी दुलारे ।।
ये देख के पिघलता दिल क्यूँ नहीं किसी का।।

बेटी जहां को प्यारी को” ज्योटी”लगे परी सी ।
मीठी सी बोली गूंजे आंगन में लाडली का ।।

ज्योटी श्रीवास्तव (jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞✍️

1 Like · 67 Views
Books from Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
View all

You may also like these posts

मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
Deepak Baweja
लावणी छंद
लावणी छंद
Mahesh Jain 'Jyoti'
मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!!
मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!!
Ravi Betulwala
यादों को जब से
यादों को जब से
Mahesh Tiwari 'Ayan'
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा…..!
ऐ तक़दीर तू बता ज़रा…..!
Pradeep Shoree
4774.*पूर्णिका*
4774.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मान जाने से है वो डरती
मान जाने से है वो डरती
Buddha Prakash
#मुरकियाँ
#मुरकियाँ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
"सम्पाति" जैसे उन्माद में
*प्रणय*
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
नजर नहीं आता
नजर नहीं आता
Mahender Singh
अपना बेरीया लागेली भागे
अपना बेरीया लागेली भागे
नूरफातिमा खातून नूरी
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
ओनिका सेतिया 'अनु '
Believe in yourself because you have the power
Believe in yourself because you have the power
पूर्वार्थ
कशिश
कशिश
Shyam Sundar Subramanian
गीत- वही रहना मुनासिब है...
गीत- वही रहना मुनासिब है...
आर.एस. 'प्रीतम'
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
The reflection of love
The reflection of love
Bidyadhar Mantry
सांझ सुहानी मोती गार्डन की
सांझ सुहानी मोती गार्डन की
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कहती है नदी
कहती है नदी
Meera Thakur
उजला तिमिर
उजला तिमिर
Shally Vij
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
कवि रमेशराज
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
हिन्दू -हिन्दू सब कहें,
हिन्दू -हिन्दू सब कहें,
शेखर सिंह
नये वर्ष 2025 के स्वागत में
नये वर्ष 2025 के स्वागत में
gurudeenverma198
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
" भविष्य "
Dr. Kishan tandon kranti
फिर आसमां किसी ज़मीन पर ना होगी
फिर आसमां किसी ज़मीन पर ना होगी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुधीर श्रीवास्तव को विधा वाचस्पति मानद उपाधि
सुधीर श्रीवास्तव को विधा वाचस्पति मानद उपाधि
Sudhir srivastava
Loading...