Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2025 · 1 min read

So who’s your competition ?

So who’s your competition ?
All the people out there ?. No.your competition is all your thoughts that dont let you go forward.all those emotions and thoughts that say that you are not enough. You have to fight with those . Fear ,Anxiety, all these are your competition, Never ever let all these to overpower you.Face all your fears .All your competition is within you.But we were never been said about this. As it is said in geeta that you are your biggest enemy and also great friend.Make sure you have a healthy friendship with yourself.Because at the end only yourself matters .✨💫💫 #value yourself #Face your fears #Universal power

18 Views

You may also like these posts

नववर्ष की शुभकामना
नववर्ष की शुभकामना
manorath maharaj
-मोहब्बत का रंग लगाए जाओ -
-मोहब्बत का रंग लगाए जाओ -
bharat gehlot
सोचो, परखो, तोलो, जॉंचो, फिर अपना मत देना भाई।
सोचो, परखो, तोलो, जॉंचो, फिर अपना मत देना भाई।
श्रीकृष्ण शुक्ल
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
!मुझको इतना भी न सता ऐ जिंदगी!
!मुझको इतना भी न सता ऐ जिंदगी!
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
सीरत अच्छी या सूरत
सीरत अच्छी या सूरत
MEENU SHARMA
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
उर्दू सीखने का शौक
उर्दू सीखने का शौक
Surinder blackpen
कल तो नाम है काल का,
कल तो नाम है काल का,
sushil sarna
दस्तूर
दस्तूर
Davina Amar Thakral
पात्र
पात्र
उमेश बैरवा
शिकायत नही किसी से
शिकायत नही किसी से
Kaviraag
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
Dr fauzia Naseem shad
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
manjula chauhan
4866.*पूर्णिका*
4866.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चेतावनी
चेतावनी
आशा शैली
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
विदा दे मुझे
विदा दे मुझे
Shekhar Chandra Mitra
चतुष्पदी
चतुष्पदी
surenderpal vaidya
विचार और रस [ दो ]
विचार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
गांव जीवन का मूल आधार
गांव जीवन का मूल आधार
Vivek Sharma Visha
आओ जलाएं
आओ जलाएं
भगवती पारीक 'मनु'
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुझे फर्क पड़ता है।
मुझे फर्क पड़ता है।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जिसके पास कोई चारा न हो
जिसके पास कोई चारा न हो
Sonam Puneet Dubey
"विदाई की बेला में"
Dr. Kishan tandon kranti
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
श्री राम का जीवन– संवेदना गीत।
श्री राम का जीवन– संवेदना गीत।
Abhishek Soni
और एक रात! मध्यरात्रि में एकाएक सारे पक्षी चहचहा उठे। गौवें
और एक रात! मध्यरात्रि में एकाएक सारे पक्षी चहचहा उठे। गौवें
पूर्वार्थ
Loading...