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7 May 2024 · 2 min read

सुहागन की अभिलाषा🙏

सुहागन की अभिलाषा🙏
🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵

रंग रंगीली छैल छबीली बनी
चित चकोरी नारी सुहागिन
चाहत अनमोल देश दुलारी
सपना अपना निज अभिलाषा

लाल पधारो मोरे आंगना
आस लगाए आतुर देख रही
अधीर हो घबरा रही आंगना
पधारो लाल मेरी अंगना
बाट निहार रही अंगना

देख नहीं रही निज आंगन में
गोद खिलाने आस खड़ी
अंगने में नन्हें पग देखने
तरस रही मेरी दोनो नयना

सूनी तम सुनी जिगर सूनी
डगर सूनी रह रही अंगना
किलकारी बिहीन है अंगना
दौड़ रही तुझे गोद बैठाने

पग घुंघरू आवाज सुन रही
देख नहीं पा रही मेरी नैना
ताने बाने सुन कर उलझी
आ सुलझा दे मेरी चाहना

तेरे बिना अधूरी जग जननी
परिजन बंद कर देते आंगना
चमका दे माथे की विंदिया
पलकों में दे सुख की निंदिया

पग घुंघरू बांध नाच दिखा
इंतज़ार पूरी कर दे आंगना
निःरस तन निःरस मन वगिया
तम नीरव लम्ब मेरा आंगना

रश्मि पुंज बिखेर दे आंगना
उदास दिल की अपलक नयना
झरझरा रहा सावन भादों झरना
आहट हो रही कमल सुसज्जित

लाल आने का इक सुंदर सपना
चंचल हवा नदी तरंगित कोयल
की कूह पपीहे की टेर आमों की
मंजरी जल क्रीड़ा करती मछली

सुनहरे स्वर्ण मंदिर सपने बता रही
वर्षों वाद कोई आ रहा इस आंगना
श्याम सलोना कमल नन्हे पग नुपूर
निर्मित काया माया निखरती रूप

देख रही अब मेरी दोनों नयना
दूर हुई अथाह दर्द और वेदना
गोदी देख भूल गई सारी यातना

श्याम सलोना निहार तुझे हुई पूरी
इक सुंदर सपना पलकों में रहना
कभी दूर मत होकर हट जाना

🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵

तारकेश्कर प्रसाद तरूण

Language: Hindi
2 Likes · 135 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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