आवो रे मिलकर पौधें लगायें हम
नैन (नवगीत)
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
देवताई विश्वास अंधविश्वास पर एक चिंतन / मुसाफ़िर बैठा
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
आदमी की आदमी से दोस्ती तब तक ही सलामत रहती है,
तेरी मेरी ज़िंदगी की कहानी बड़ी पुरानी है,