Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया

जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ न रह गया
कहीं ख्वाब रह गए कहीं अरमान रह गया
जिंदगी तेरे सफर में………..

बचपन था खुशनुमा वो खुशियाँ बटोरते थे
प्रवाह नहीं थी कोई क्या-क्या ना तोड़ते थे
सपनों भरा वो बचपन गुमनाम रह गया
कहीं ख्वाब रह गए……….

जवानी कहीं खो गई मोहब्बत की चाह में
क्या पता था ये गुजरेगी चाहत की आह में
टूटे दिलों का महबूब को पैगाम रह गया
कहीं ख्वाब रह गए…………

उम्र का तकाजा हैं ये लड़खड़ाते हुए कदम
जीवन है क्या ये जाना और टूटे सभी भ्रम
“V9द” ये बुढापा जैसे मेहमान रह गया
कहीं ख्वाब रह गए…………

स्वरचित
V9द चौहान

1 Like · 112 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
Acharya Shilak Ram
मित्रता मे बुझु ९०% प्रतिशत समानता जखन भेट गेल त बुझि मित्रत
मित्रता मे बुझु ९०% प्रतिशत समानता जखन भेट गेल त बुझि मित्रत
DrLakshman Jha Parimal
दोहा पंचक. . . . . पिता
दोहा पंचक. . . . . पिता
sushil sarna
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
ज़बान
ज़बान
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
किसी को टूट कर चाहना
किसी को टूट कर चाहना
Chitra Bisht
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दिल पर ठेस लगती है तो आवाज नही होती।
दिल पर ठेस लगती है तो आवाज नही होती।
Rj Anand Prajapati
दोस्ती की हद
दोस्ती की हद
मधुसूदन गौतम
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
Baldev Chauhan
बदला हूं मैं
बदला हूं मैं
Sumangal Singh Sikarwar
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
चिरैया पूछेंगी एक दिन
चिरैया पूछेंगी एक दिन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
पुराने साल को विदाई
पुराने साल को विदाई
Rekha khichi
निराशा से आशा तक 😊😊
निराशा से आशा तक 😊😊
Ladduu1023 ladduuuuu
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
Surinder blackpen
नकारात्मक लोगों को छोड़ देना ही उचित है क्योंकि वे आपके जीवन
नकारात्मक लोगों को छोड़ देना ही उचित है क्योंकि वे आपके जीवन
Ranjeet kumar patre
"सतरंगी बस्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
जल स्रोतों का संरक्षण
जल स्रोतों का संरक्षण
C S Santoshi
3820.💐 *पूर्णिका* 💐
3820.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ख्वाइश
ख्वाइश
Deepali Kalra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नववर्ष के रंग मे ढ़लते है
नववर्ष के रंग मे ढ़लते है
Bhupendra Rawat
बसंत
बसंत
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
"UG की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बस इतना हमने जाना है...
बस इतना हमने जाना है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"रिश्तों के धागे टूट रहे हैं ll
पूर्वार्थ
Loading...