Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

दुआएं

दुआएं
मिल जाती हैं
फकीर की
तो
सुकून मिलता है
वर्ना
ज़िन्दगी तो
उतनी ही है
जितनी
दी है
मौला ने

193 Views

You may also like these posts

"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
Guilt
Guilt
सुकृति
काश, मैं मोबाइल होता
काश, मैं मोबाइल होता
अरशद रसूल बदायूंनी
फूल चेहरों की ...
फूल चेहरों की ...
Nazir Nazar
आटा
आटा
संजय कुमार संजू
तेरी तस्वीर देखकर
तेरी तस्वीर देखकर
Dr.sima
अच्छे
अच्छे
Santosh Shrivastava
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
Manisha Manjari
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
बागक सुख
बागक सुख
श्रीहर्ष आचार्य
" चींटी की ताकत "
Dr. Kishan tandon kranti
भावनाओं से सींच कर
भावनाओं से सींच कर
Priya Maithil
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
Sanjay ' शून्य'
पापी मनुष्य
पापी मनुष्य
Rahul Singh
सबक
सबक
Saraswati Bajpai
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
रुपेश कुमार
ग़ज़ल
ग़ज़ल
seema sharma
पानी ही पानी
पानी ही पानी
TARAN VERMA
राम नाम सत्य है
राम नाम सत्य है
Rajesh Kumar Kaurav
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
Jitendra Chhonkar
दोहा पंचक. . . सागर
दोहा पंचक. . . सागर
sushil sarna
मेरे मन की मृदु अभिलाषा मेरा देश महान बने ...
मेरे मन की मृदु अभिलाषा मेरा देश महान बने ...
Sunil Suman
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
Shivam Sharma
संघर्ष
संघर्ष
Sudhir srivastava
"मेरी जान"
Geet
23/115.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/115.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"You’re going to realize it one day—that happiness was never
पूर्वार्थ
Loading...