सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
गीत _ इतना तो बतलाओ तुम !
तन्हाई ही इंसान का सच्चा साथी है,
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
वो मुझे पास लाना नही चाहता
- उसकी आंखों का सम्मोहन -
इनायत है, शनाशाई नहीं है।
एक दिन सूखे पत्तों की मानिंद
ये ताज़गी ये तबस्सुम और ये ज़िन्दगी
सुकून की तलाश ने, प्रकृति की भाषा सिखा दी।
गृहणी का बुद्ध
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
कुछ दुःख होता है जिनसे आप कभी उभर नहीं पाते हैं ,
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!