Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Feb 2024 · 1 min read

– उसकी आंखों का सम्मोहन –

– उसकी आंखों का सम्मोहन –
उसकी आंखों का सम्मोहन ,
उसकी और दिल को खींचता जाए,
मेरा दिल भी है पागल,
उसकी और ही खींचा जाए,
उसकी आंखों का काजल मुझको दीवाना बनाए,
उसकी तिरछी नजरे मुझको घायल कर जाए,
उसका मिलकर के बिछड़ना ,
मुझको बड़ा ही तड़पाए,
उसकी आंखो का सम्मोहन ,
कही जान न मेरी ले जाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
111 Views

You may also like these posts

तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
Aarti sirsat
वसीयत
वसीयत
MEENU SHARMA
कोरोना ना, ना, ना ( RJ Anand Prajapati की आवाज मे )
कोरोना ना, ना, ना ( RJ Anand Prajapati की आवाज मे )
Rj Anand Prajapati
दोहा पंचक. . . .  उल्फत
दोहा पंचक. . . . उल्फत
sushil sarna
अजीब शै है ये आदमी
अजीब शै है ये आदमी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
” भेड़ चाल “
” भेड़ चाल “
ज्योति
राम और कृष्ण
राम और कृष्ण
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अब नहीं चाहिए बहारे चमन
अब नहीं चाहिए बहारे चमन
Kanchan Gupta
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
Neelofar Khan
बलात्कार
बलात्कार
rkchaudhary2012
दोहा पंचक. . . विविध
दोहा पंचक. . . विविध
Sushil Sarna
घृणा
घृणा
Rambali Mishra
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
Taj Mohammad
All the Online Urdu courses available | Rekhta-Learning
All the Online Urdu courses available | Rekhta-Learning
Urdu Course
लड़को यह जानने समझने के बाद बहुत आसानी होगी तुम्हे कि नदी हम
लड़को यह जानने समझने के बाद बहुत आसानी होगी तुम्हे कि नदी हम
पूर्वार्थ
वो चेहरा
वो चेहरा
Sumangal Singh Sikarwar
दर्द भरी मुस्कान
दर्द भरी मुस्कान
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
ओ मनहूस रात...भोपाल गैस त्रासदी कांड
ओ मनहूस रात...भोपाल गैस त्रासदी कांड
TAMANNA BILASPURI
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दुनियादारी से कोई लेना - देना नहीं,
दुनियादारी से कोई लेना - देना नहीं,
Ajit Kumar "Karn"
आँखें कुछ कहती हैं?
आँखें कुछ कहती हैं?
Nitesh Shah
4. गुलिस्तान
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
अबाध गति से गतिमान, कालचक्र चलता रहता है
अबाध गति से गतिमान, कालचक्र चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बेवफ़ाई
बेवफ़ाई
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
शब्दों की मिठास से करें परहेज
शब्दों की मिठास से करें परहेज
Chitra Bisht
उसकी फितरत थी दगा देने की।
उसकी फितरत थी दगा देने की।
Ashwini sharma
बातों में मिठास
बातों में मिठास
Kumar lalit
Loading...