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6 Jan 2024 · 1 min read

"ख़्वाहिश"

“ख़्वाहिश”
मैं चाहता हूँ कि
मेरी कलम
किसी के काम आ सके,
मेरे भीतर का द्वन्द
शब्द बनकर
पुस्तक में स्थान पा सकें।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

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