Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2024 · 1 min read

सपनों में खो जाते अक्सर

हम बच्चे ये सोच सोचकर
सपनों में खो जाते अक्सर

कभी सोचते चिड़िया होते
केवल हँसते कभी न रोते

अगर पेड़ जैसे बन जाते
घनी छांव दे ताप मिटाते

अगर फूल जैसे हम होते
सुंदर – सुंदर हार पिरोते

नदिया से कल कल जब बहते
अपनी बातें सुर में कहते

अगर कहीं बन जाते बादल
घूम घूमकर बरसाते जल

बनकर सूरज – चाँद सितारे
रोशन करते जग को सारे

मन करता है पंछी बनकर
खूब उड़ाने भरते जी भर

डॉ अर्चना गुप्ता
28.04.2024

3 Likes · 4 Comments · 316 Views
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

पागल मन .....
पागल मन .....
sushil sarna
दर्शन तो कीजिए
दर्शन तो कीजिए
Rajesh Kumar Kaurav
कोई इल्ज़ाम के नहीं क़ाबिल ,
कोई इल्ज़ाम के नहीं क़ाबिल ,
Dr fauzia Naseem shad
प्रहरी नित जागता है
प्रहरी नित जागता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
The truth is:
The truth is:
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पुस्तक
पुस्तक
Nitesh Shah
" अहसास "
Dr. Kishan tandon kranti
हिन्दी का मैं इश्कजादा
हिन्दी का मैं इश्कजादा
प्रेमदास वसु सुरेखा
🙅ताज़ा सुझाव🙅
🙅ताज़ा सुझाव🙅
*प्रणय*
ञ'पर क्या लिखूं
ञ'पर क्या लिखूं
Satish Srijan
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
कवि रमेशराज
जीवन के सफ़र में
जीवन के सफ़र में
Surinder blackpen
"तुम्हारे नाम"
Lohit Tamta
बारिश.........
बारिश.........
Harminder Kaur
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
इंजी. संजय श्रीवास्तव
अनोखा बंधन...... एक सोच
अनोखा बंधन...... एक सोच
Neeraj Agarwal
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
Meenakshi Masoom
कृपाण घनाक्षरी....
कृपाण घनाक्षरी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
— मैं सैनिक हूँ —
— मैं सैनिक हूँ —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*सदा गाते रहें हम लोग, वंदे मातरम् प्यारा (मुक्तक)*
*सदा गाते रहें हम लोग, वंदे मातरम् प्यारा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बसंत
बसंत
manjula chauhan
हितैषी
हितैषी
Rambali Mishra
3385⚘ *पूर्णिका* ⚘
3385⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
भारत भविष्य
भारत भविष्य
उमा झा
तुम आए कि नहीं आए
तुम आए कि नहीं आए
Ghanshyam Poddar
गंगा
गंगा
MUSKAAN YADAV
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
Loading...