हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
पहला प्यार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
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तब आदमी का होता है पीरी से सामना
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग ।
ग़ज़ल (वक्त तो बे *लगाम* होता ह)
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)