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18 Apr 2024 · 1 min read

“बकरी”

“बकरी”
में-में-में कर चिल्लाती है,
वह घास पराई खाती है।
सिंग को अपने डुलाती है,
बच्चों को जरा डराती है।
चन्द दिनों की मेहमान है,
फिर हो जाती कुरबान है।

3 Likes · 3 Comments · 111 Views
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