शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
होली के हुड़दंग में, रंगों की है जंग |
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
रिश्ते ऐसे बनाओं की छुपाना न पड़े।
There is no substitute for hard work. Never give up. Never s
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
नई सीख को सिखाकर जाने लगा दिसंबर
जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
"I having the Consistency as
अर्ज़ है ... हर ज़ाम में डुबते है महफ़िल सजाने को , ये कह कर
मैं मैं नहिंन ...हम हम कहिंन
जिस दिन कविता से लोगों के,