Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2024 · 1 min read

* ज्योति जगानी है *

** गीतिका **
~~
सबके मन में भक्ति भाव की, ज्योति जगानी है।
और निराशा भरी तमस की, धूल हटानी है।

नवरात्रि पर्व की शुभ वेला, मां का ध्यान धरें।
सभी योजनाएं जीवन की, सफल बनानी है।

अखिल विश्व में आज हमारी, है पहचान यही।
ध्वजा सनातन की अति पावन, शुभ फहरानी है।

नगर ग्राम हर घर आंगन में, दीप जले जगमग।
सब भक्तों को चली आ रही, रीत निभानी है।

जीवन दर्शन श्रेष्ठ हमारा, दुनिया ने माना।
इसी भाव को लेकर जग में, साख बढ़ानी है।

क्षमा याचना कर लेंगे हम, बहुत हुई भूलें।
भूले से भी करे न कोई, अब नादानी है।

विश्व चल रहा साथ हमारे, सभी दिशाओं में।
त्याग साधना के पथ बढ़ती, नित्य जवानी है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 169 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

भूप
भूप
Shriyansh Gupta
മറന്നിടാം പിണക്കവും
മറന്നിടാം പിണക്കവും
Heera S
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*खुद की खोज*
*खुद की खोज*
Shashank Mishra
विचित्र तस्वीर
विचित्र तस्वीर
Dr. Kishan tandon kranti
चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी
चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी
Pramila sultan
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
Anis Shah
कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
రామయ్య రామయ్య
రామయ్య రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मोहब्बते
मोहब्बते
डिजेन्द्र कुर्रे
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
10 देखो राखी का चांद....
10 देखो राखी का चांद....
Kshma Urmila
दोहा पंचक. . . .  उल्फत
दोहा पंचक. . . . उल्फत
sushil sarna
नींद
नींद
Dr MusafiR BaithA
Book of love
Book of love
Rj Anand Prajapati
बरसो रे बरसो, बरसो बादल
बरसो रे बरसो, बरसो बादल
gurudeenverma198
*Love filters down the soul*
*Love filters down the soul*
Poonam Matia
मुक्ति
मुक्ति
Deepesh Dwivedi
सोच रहा हूं तेरे आंचल के साऐं में सदियां गुजारूं ये जिंदगी
सोच रहा हूं तेरे आंचल के साऐं में सदियां गुजारूं ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
*काश पूछ कर पाकिस्तान बनाते (गीत)*
*काश पूछ कर पाकिस्तान बनाते (गीत)*
Ravi Prakash
ओढ़ कर पन्नी की चादर सो गया ग़रीब सर्दी में ,
ओढ़ कर पन्नी की चादर सो गया ग़रीब सर्दी में ,
Neelofar Khan
3434⚘ *पूर्णिका* ⚘
3434⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कौन हूं मैं?
कौन हूं मैं?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
राना लिधौरी'के हाइकु - कुंभ विशेष
राना लिधौरी'के हाइकु - कुंभ विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दर्द लफ़ज़ों में
दर्द लफ़ज़ों में
Dr fauzia Naseem shad
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
अक्सर मां-बाप
अक्सर मां-बाप
Indu Singh
बोल दे जो बोलना है
बोल दे जो बोलना है
Monika Arora
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
Phool gufran
Loading...