Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2024 · 1 min read

Cottage house

Cottage house
The roof was torn
The Moon and the Sky

– Otteri Selva Kumar

143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आज रात
आज रात
Kshma Urmila
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गीत
गीत
Shweta Soni
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
Ravikesh Jha
दोहे
दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
"TODAY'S TALK"
DrLakshman Jha Parimal
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुप्रभात
सुप्रभात
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
"मेरा दोस्त"
Lohit Tamta
इश्क में हैरानगी,इश्क की दीवानगी
इश्क में हैरानगी,इश्क की दीवानगी
पूर्वार्थ
"मोहलत"
Dr. Kishan tandon kranti
जन्मों का नाता
जन्मों का नाता
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
कौन है सच्चा और कौन है झूठा,
कौन है सच्चा और कौन है झूठा,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नागरिक कर्तव्य है मतदान - लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना
नागरिक कर्तव्य है मतदान - लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना
ललकार भारद्वाज
विक्रमादित्य के 'नवरत्न'
विक्रमादित्य के 'नवरत्न'
Indu Singh
ठण्ड को भी लग रही है आजकल बहुत ठण्ड,
ठण्ड को भी लग रही है आजकल बहुत ठण्ड,
Slok maurya "umang"
ज़िंदगी से
ज़िंदगी से
Dr fauzia Naseem shad
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
Raju Gajbhiye
कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,
कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
"तर्पण"
Shashi kala vyas
तुम जो साथ हो
तुम जो साथ हो
हिमांशु Kulshrestha
वादा करके तोड़ती, सजनी भी हर बार
वादा करके तोड़ती, सजनी भी हर बार
RAMESH SHARMA
इज़हार
इज़हार
ruchi sharma
(दोहा सप्तक  )...... मैं क्या जानूं
(दोहा सप्तक )...... मैं क्या जानूं
sushil sarna
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
Jyoti Roshni
छाव का एहसास
छाव का एहसास
Akash RC Sharma
मुस्कुरा के चलीं
मुस्कुरा के चलीं
आकाश महेशपुरी
बेपरवाह
बेपरवाह
Omee Bhargava
*ऋषि दयानंद युग-पुरुष हुए, उनको हम शीश झुकाते हैं (राधेश्याम
*ऋषि दयानंद युग-पुरुष हुए, उनको हम शीश झुकाते हैं (राधेश्याम
Ravi Prakash
तुम्हारी याद
तुम्हारी याद
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...