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14 Apr 2017 · 2 min read

"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय

✓”पं बृजेश कुमार नायक” एक हिंदी कवि और लेखक हैं। उत्कृष्ट साहित्यिक सेवाओं के लिए आप भारत गौरव,विद्यासागर, हिंदी-सागर,प्रेम-सागर, विद्यावाचस्पति, साहित्य गौरव, जालौनरत्न और साहित्य भूषण सहित अब तक 18 से अधिक उपाधियों/मानद उपाधि/सारस्वत सम्मानों / सम्मानों से अलंकृत हैं। आप विश्व स्तरीय आध्यात्मिक संस्था “आर्ट ऑफ लिविंग” के संस्थापक और विश्व प्रसिद्ध योगी सद्गुरु श्री श्री रविशंकर के शिष्य और आर्ट ऑफ लिविंग में टीचर/फैकल्टी मेम्बर हैं। पं बृजेश जी ने सामाजिक और आध्यात्मिक संस्थाओं से जुड़कर सामाजिक कार्यकर्ता और आध्यात्मिक टीचर के रूप में कार्य करने का लम्बा अनुभव प्राप्त किया है।आपकी चर्चित कृतियों में साहित्यपीडिया पब्लिशिंग, नोएडा ,भारतवर्ष से प्रकाशित “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह, , आध्यात्मिक कृति “क्रौंच सु ऋषि आलोक” शोधपरक ग्रंथ ,”पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाएं” काव्य संग्रह ,”नायक जी के मुक्तक” मुक्तक, नायक जी की कुंडलिकाएं , गीत गुंजन और नायक जी के लेख हैं। साहित्यपीडिया पब्लिशिंग, नोएडा,भारतवर्ष और बुक फाइलो से प्रकाशित पं बृजेश कुमार नायक की उक्त सातों कृतियाॅं अमेज़न -फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध हैं।
✓हाईस्कूल प्रमाणपत्र के अनुसार आपका जन्म 08 मई 1961 को ग्राम कैथेरी, तहसील उरई, जिला जालौन, उ प्र, भारतवर्ष के एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में श्री रामस्वरूप और स्वर्गीय श्रीमती मूर्ति देवी के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था। आपने हिंदी विषय के साथ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाॅंसी से मास्टर आफ आर्ट की उपाधि अर्जित की है।
✓’पं बृजेश कुमार नायक’ का पाणिग्रहण संस्कार ‘सुभाष नगर’ कोंच, जिला जालौन, उ प्र, भारतवर्ष के निवासी स्वर्गीय श्री सरजू प्रसाद दीक्षित, लोकतंत्र रक्षक सैनानी और श्रीमती राममूर्ति की इकलौती पुत्री/संतान ‘शिवकुमारी’ के साथ ,उक्त स्वर्गीय श्री सरजू प्रसाद दीक्षित, शिक्षक और लोकतंत्र रक्षक सैनानी की जन्मभूमि ग्राम कनासी , तहसील कोंच, जिला जालौन, उत्तर प्रदेश से हुआ था। वर्तमान में आपके दो पुत्र “पवन कुमार नायक” कमांडर, इंडियन नेवी और “रवि प्रकाश नायक” हैं। समय की माॅंग के अनुरूप आप कुछ वर्षों तक जिला -जालौन, उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष के ‘उरई’ शहर में रहे, बाद में दोनों पुत्रों सहित सपरिवार अपनी ससुराल ‘सुभाष नगर’ कोंच, ज़िला जालौन, उत्तर प्रदेश के निवासी बने। कोंच में निवास करने समय आपके लेखन को गति मिली।समय की मांग के अनुसार बाद में आपने झाॅंसी में ज्येष्ठ पुत्र ‌श्री “पवन कुमार नायक” कमांडर इण्डियन नेवी के मकान/विला D 75, ‘सनफ्रान अशोक सिटी’ झाॅंसी,उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष को अपनी साहित्य साधना-स्थली बनाया। झाॅंसी, उ प्र, भारतवर्ष में, मकान संख्या/विला संख्या, G 122, सनफ्रान अशोक वैली,मुस्तरा रेलवे के पास, झाॅंसी को क्रय किया। पजेशन मिलने के बाद मौजा मेरी में स्थित उक्त मकान /विला G 122, सनफ्रान अशोक वैली, झाॅंसी, उ प्र, भारतवर्ष “मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास” का निवासी बना।
संपर्क सूत्र
पं बृजेश कुमार नायक
साहित्यकार
टीचर/फैकल्टी मेंबर
आर्ट ऑफ लिविंग
G 122,
सनफ्रान अशोक वैली,
झाॅंसी,उत्तर प्रदेश,भारतवर्ष,
पिनकोड-284128
“मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास”

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👉विस्तृत परिचय हेतु नीचे tag पर जाकर “पं बृजेश कुमार नायक का परिचय” को छुएं/टच करें।
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