Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Shweta Soni
28 Followers
Follow
Report this post
8 Apr 2024 · 1 min read
वो छोड़ गया था जो
वो छोड़ गया था जो
मुझे आँसुओं के साथ
मैं उससे मिल के आज
फिर शगुफ़्ता हो गई
Tag:
Quote Writer
Like
Share
90 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Shweta Soni
View all
अंतर्मन का कोपभवन
Shweta Soni
ख्वाब जो देखे थे मैंने
Shweta Soni
You may also like these posts
कही-अनकही
Deepesh Dwivedi
..
*प्रणय*
माँ की आँखों में पिता
Dr MusafiR BaithA
हमे कोई नहीं समझ पाया है
Jyoti Roshni
3991.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शुक्र करो
shabina. Naaz
रिसते रिश्ते
Arun Prasad
असंभव को संभव बना दूंगा
Rj Anand Prajapati
बाप अपने घर की रौनक.. बेटी देने जा रहा है
Shweta Soni
खत
Sumangal Singh Sikarwar
अनपढ़े ग्रन्थ ... ..
sushil sarna
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
Ravi Prakash
पागल सा दिल मेरा ये कैसी जिद्द लिए बैठा है
Rituraj shivem verma
भगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
guru saxena
सिखला दो न पापा
Shubham Anand Manmeet
राष्ट्रीय एकता और अखंडता
Rahul Singh
Colours Of Life
Dr Archana Gupta
ज़रूरी है...!!!!
Jyoti Khari
बातों में बनावट तो कही आचरण में मिलावट है
पूर्वार्थ
आजकल लोग का घमंड भी गिरगिट के जैसा होता जा रहा है
शेखर सिंह
कहीं तो ...
sushil yadav
पर्वत, दरिया, पार करूँगा..!
पंकज परिंदा
"वो"
Dr. Kishan tandon kranti
घर
Dileep Shrivastava
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
डॉक्टर रागिनी
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
इजहार बने
Kunal Kanth
ग्रीष्म ऋतु --
Seema Garg
इस तरहां बिताये मैंने, तन्हाई के पल
gurudeenverma198
Loading...