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6 Apr 2024 · 1 min read

बदरा बरसे

रिमझिम रिमझिम बदरा बरसे
मन खुशी में झूमे,
प्राची बोली- ओ डुग्गू भैया
चलो आसमान को छूले।

सिद्धू प्रीति चीनू खुशी मिल
नाव गजब चलावें,
खेल-खेल में उछलकूद कर
गीत खुशी के गावें।

मछली रानी डुबक-डुबक कर
सारे जग हरसावे,
सर सर सर सर जोश-जोश में
नदी पार हो जावे।

मेरी प्रकाशित कृति : ‘पंखों वाला घोड़ा’ से।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
बेस्ट पोएट ऑफ दि ईयर।

3 Likes · 3 Comments · 118 Views
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