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31 Mar 2024 · 1 min read

हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है

हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
चांदनी रात में भी धूप को खिलते देखा है

तुम बात करते हो मौसम बदलने की
हमने लोगों को सूरत बदलते देखा है

✍️कवि दीपक सरल

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