Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2024 · 2 min read

बिल्ली की तो हुई सगाई

बाल कविता

बिल्ली की तो हुई सगाई
जँगल में फिर सभा बुलाई
बात खुशी की उन्हें सुनाई
सुनकर सारे नाचे झूमे
डाल डाल पर बन्दर घूमे
हाथी अपनी सूंड उठाये
कोयल मीठा राग सुनाए
शेरू बोला करो तैयारी
बिल्ली लगती मौसी हमारी
गीदड़ ने फिर हूक लगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई

हाथी दादा बने हलवाई
भाँति भाँति की बनी मिठाई
कल्लू भैंसा हलवा घोटे
दाँत दिखाए मोटे मोटे
बर्फी बनाए बन्दर मामा
चिम्पांजी ने पलटा थामा
ढोलू भोलू लड्डू बनवाए
आँख छुपा कर गप कर जाए
चुन चुन चिड़िया खीर पकाए
काजू पिस्ता खूब मिलाए
जठरू भालू ले जम्हाई
बिल्ली की तो हुई सगाई

बिट्टो गिलहरी कपड़े लाई
पहन के बिल्ली इतराई
बंटो बकरी सैण्डल लाई
शेरू ने पेण्डल गड़वाई
मेकअप करने आई सहेली
उसे बनाने नई नवेली
काला चश्मा दिल्ली से आया
ऑनलाइन दगड़ू ने मंगवाया
अमरिका से घड़ी मँगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई

कठफोड़वा लकड़ी लाता
जोड़ जोड़ कर पलंग बनाता
फूल तितलियाँ चुनकर लाती
रस्ते रस्ते उन्हें बिछाती
पांडाल भी हुआ तैयार
ढोल नगाड़ों की झंकार
साज बाज चीता ले आया
एक धमक से जंगल थर्राया
लम्बू जिराफ़ ने करी पुताई
बिल्ली की तो हुई सगाई

कालू कौआ न्यौता छाँटे
दौड़ दौड़ कर हिरन बाँटे
पीले चावल खरगू लाये
संग में उसके मिट्ठू जाए
हारुल हल्दी लाती है
आये नाते नाती हैं
मामा के संग मामी आई
अपनी बिल्लो गले लगाई
धमा चौकड़ी हुआ हंगामा
चुनर उड़ाए बन्दर मामा
कुरजां ने फिर टेर लगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई

चटक चटक कर उपटन पिस्ता
शेरू अपने दाँतो को घिसता
बिल्लो रानी बाल सँवारे
कल्लो उसके काज़ल डारे
माता उसकी नज़र उतारे
नमक मिर्ची के उठे धुँवारे
लग्न पत्रिका टुन टुन बाँचे
पंख फैलाकर मोर नाचे
ढोल नगाड़े डम डम बाजे
ऊँची कुर्सी शेर विराजे
दरवाजे पर लड़ियाँ लटकाई
बिल्ली की तो हुई सगाई

हुक्का भरकर मंगू आया
झूम झूम माहौल बनाया
चहक उठा है जंगल सारा
खुशियों का तो खुला पिटारा
सज धज कर सब हुए तैयार
बिल्लो का था इंतजार
आज वन में खुशियां छाई
चाचा चाची ताऊ ताई
मिलकर सबने धूम मचाई
बिल्ली की तो हुई सगाई

भवानी सिंह ‘भूधर
बड़नगर , जयपुर

1 Like · 229 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अजीब शै है ये आदमी
अजीब शै है ये आदमी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
त्यौहार हिन्द के(बाल कविता)
त्यौहार हिन्द के(बाल कविता)
Ravi Prakash
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन में प्रकाश, जुगनू की तरह आया..
जीवन में प्रकाश, जुगनू की तरह आया..
Shweta Soni
आर्केस्ट्रा -ए -इंस्टा
आर्केस्ट्रा -ए -इंस्टा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मोहब्बत की राहों में चलिए जरा संभल कर... (ग़ज़ल)
मोहब्बत की राहों में चलिए जरा संभल कर... (ग़ज़ल)
पियूष राज 'पारस'
चारु
चारु
NEW UPDATE
Remembering Gandhi
Remembering Gandhi
Chitra Bisht
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
3490.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3490.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
शुभ
शुभ
*प्रणय प्रभात*
नाम या काम
नाम या काम
Nitin Kulkarni
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुहब्बत नहीं है आज
मुहब्बत नहीं है आज
Tariq Azeem Tanha
निर्गुण
निर्गुण
श्रीहर्ष आचार्य
पावन खिंड
पावन खिंड
Jalaj Dwivedi
ग़ज़ल _ असुरों के आतंक थे ज़्यादा, कृष्णा ने अवतार लिया ,
ग़ज़ल _ असुरों के आतंक थे ज़्यादा, कृष्णा ने अवतार लिया ,
Neelofar Khan
और दिसंबर आ गया
और दिसंबर आ गया
चेतन घणावत स.मा.
कुछ राज बड़े गहरे होते हैं ।
कुछ राज बड़े गहरे होते हैं ।
विवेक दुबे "निश्चल"
“सब्र”
“सब्र”
Sapna Arora
एक स्पर्श
एक स्पर्श
sheema anmol
" बीकानेरी रसगुल्ला "
Dr Meenu Poonia
दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
sushil sarna
अर्पण कर दो राम को, बचे हुए सब श्वास।
अर्पण कर दो राम को, बचे हुए सब श्वास।
संजय निराला
I think about decisions in three ways: hats, haircuts, and t
I think about decisions in three ways: hats, haircuts, and t
पूर्वार्थ
लिख देती है कवि की कलम
लिख देती है कवि की कलम
Seema gupta,Alwar
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
नसीहत
नसीहत
Slok maurya "umang"
"कुछ भी बाद के लिए मत छोड़ो।
पूर्वार्थ देव
संगत का फर्क पानी की एक बूंद भी गरम तवे पर पड़ती है तो मिट ज
संगत का फर्क पानी की एक बूंद भी गरम तवे पर पड़ती है तो मिट ज
ललकार भारद्वाज
Loading...