कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं ,
नव भानु
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
जीवन एक वरदान है, इसका महत्व जानिए। एक कमजोर व रोते पीटते इन
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
भगदड़ कैसी है मची, फूटे कई कपाल।
गर्मी बहुत पड़ी है तो जाड़े भी आएगें
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,