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12 Mar 2024 · 1 min read

एक पीढ़

इक पीडा सी उठी
तुझे याद करके
क्या यह ख़ुशी मे बदल दोगे

इक ख्वाब सा जैसा अधुरा
तुम्हे याद करके
क्या पूरा कर दोगे ख्वाब मेरा

इक अनचाही सी प्यास है
तुम्हे पाने की
क्या पूरी कर दोगे तुम आस मेरी

इक चाहत है तुम्हे पाने की
कही फिर न जन्म लेना पड जाए
क्या कर दोगे पूर्ण मेरी चाहत

Language: Hindi
1 Like · 130 Views
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