Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Feb 2024 · 3 min read

एहसास

एहसास एक ऐसा प्यारा लफ़्ज़ है जिसके लेने से हमारे दिल के नर्म एहसास जाग जातें हैं और यही वो एहसास होते हैं जिनकी बदौलत हमें इंसान होने का इतना बड़ा मर्तबा हासिल होता है, कहते भी हैं कि जिसमें एहसास नहीं वो इंसान नहीं, ये बात बिल्कुल सही भी है ये एहसास का ही कमाल होता है जो हमें दूसरे इंसान की तकलीफ़ से उसके दर्द से जोड़ देता है, जब उसे दर्द होता है तो तकलीफ़ हम महसूस करने लगते हैं वाक़ई में ये एहसास ही होते हैं जो हमें दूसरों की खुशी में ख़ुश होना और दूसरों के दर्द में दुःखी होना सिखाते है, आज के दौर में इंसान होकर इंसान बने रहना ही बहुत बड़ी बात है और आपके इंसान होने की कामयाबी तब नज़र आती है जब आप एक इंसान होकर दूसरे इंसान से कैसा रिश्ता रखते हैं,जब आप एक इंसान से मोहब्बत, हमदर्दी सिर्फ़ इसलिए रखते हैं कि वो आपके मज़हब ,जाति या आपके परिवार का सदस्य है आपका भाई, बहन, दोस्त, रिश्तेदार है, तो आप खुद ही सोच सकते हैं कि आप कैसे इंसान हैं इसके बिल्कुल उलट अगर आप एक इंसान वो चाहें किसी भी मज़हब का किसी भी देश का अमीर ,गरीब कुछ भी क्यों न हो अगर आप उसकी मदद बेलौस करते हैं तो आप अच्छे इंसान कहलाने के लायक है ज़रूरी बस आपका इस फ़र्क को समझना है क्योंकि अपनो के दर्द का एहसास सभी को और बहुत अच्छे से होता है, बात तो जब है कि एक इंसान का दर्द आपको महसूस हो,बहरहाल ये एहसास हम इंसानो में ही नहीं बल्कि बेज़ुबान पशु-पक्षियों में भी देखने को मिलता है जबकि हम तो इंसान हैं अपने रब की सबसे खूबसूरत रचना इस नज़रिये से तो हममें इंसानियत का एहसास सबसे ज़्यादा होना चाहिए वो एहसास जो फिलहाल में हमें अपने आसपास बहुत कम देखने को मिल रहा है हालांकि इसके पीछे सिर्फ़ गंदी राजनीति है जिसने लोगों की सोच को गंदा कर दिया है जबकि बहुत छोटी सी बात हर ग़लत सोच रखने वाला भूल जाता है कि अगर हमे उस रब ने बनाया है तो उसे किसने बनाया है ? अगर ये छोटी सी बात सबकी समझ में आ जाए तो शायद कोई इंसान होकर दूसरे इंसान से नफ़रत न कर सके, हम एक दूसरे को दुःख पहुंचा कर एक दूसरे को तकलीफ़ नहीं दे रहें हैं बल्कि उसे तकलीफ़ दे रहें हैं हमें जिसने बनाया है,अपने रब से मोहब्बत का इबादत का सबसे अच्छा तरीक़ा यही है कि हम इंसान होकर दूसरे इंसान के लिए अपने दिल में नर्म एहसास रखें,अपने अंदर इंसानियत के एहसास को जगाने के लिए अपने हाथों को दूसरों की मदद के लिए आगे बढ़ाना सीखे,बेसहारा लोगों की अपनी हैसियत के हिसाब से मदद करें , अगर वो भी करने में आप मजबूर हो तो अपने अच्छे अख़लाक़ अपनी खुशमिजाज़ी से दूसरों के होठों पर मुस्कुराहट लाने की वजह बने,कहने का मतलब बस इतना सा है कि अगर आप इंसान है तो इंसानियत के एहसास को जीना भी सीखें फिर देखें दुनिया कैसे जन्नत नज़र आती है बस एक छोटी सी कोशिश जो हम सब कर सकते हैं और हमे करना भी चाहिए।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
*प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Deepanjali Dubey
नियमों को रख ताक
नियमों को रख ताक
RAMESH SHARMA
आज का कल
आज का कल
Nitu Sah
3314.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3314.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
प्रेम प्रथम दृष्टि में
प्रेम प्रथम दृष्टि में
Usha Jyoti
- तमन्ना करो -
- तमन्ना करो -
bharat gehlot
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ग़ज़ल (यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया)
ग़ज़ल (यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया)
डॉक्टर रागिनी
नहीं-नहीं प्रिये
नहीं-नहीं प्रिये
Pratibha Pandey
ललित
ललित
ललकार भारद्वाज
पिता वह व्यक्ति होता है
पिता वह व्यक्ति होता है
शेखर सिंह
एड़ियाँ ऊँची करूँ हिम्मत नहीं है
एड़ियाँ ऊँची करूँ हिम्मत नहीं है
Dhirendra Panchal
गीता के छन्द : परिचय 3/5
गीता के छन्द : परिचय 3/5
आचार्य ओम नीरव
Home Sweet Home!
Home Sweet Home!
R. H. SRIDEVI
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
Rahul Singh
गर्म स्वेटर
गर्म स्वेटर
Awadhesh Singh
जंग के नुकसान
जंग के नुकसान
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरा दिल हरपल एक वीरानी बस्ती को बसाता है।
मेरा दिल हरपल एक वीरानी बस्ती को बसाता है।
Phool gufran
तन के लोभी सब यहाँ, मन का मिला न मीत ।
तन के लोभी सब यहाँ, मन का मिला न मीत ।
sushil sarna
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
उसके जाने से
उसके जाने से
Minal Aggarwal
जलती दीवानगी
जलती दीवानगी
C S Santoshi
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
मानवता का अंत
मानवता का अंत
Shyam Sundar Subramanian
दिनाक़ 03/05/2024
दिनाक़ 03/05/2024
Satyaveer vaishnav
बीते हुए दिन
बीते हुए दिन
rubichetanshukla 781
शब्द रंगोंली
शब्द रंगोंली
लक्ष्मी सिंह
Loading...