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24 Apr 2024 · 1 min read

3314.⚘ *पूर्णिका* ⚘

3314.⚘ पूर्णिका
🌹 चाहत समझते हैं🌹
22 2122
चाहत समझते हैं ।
राहत समझते हैं ।।
दुनिया साथ देखी।
आहत समझते हैं ।।
बुझदिल नासमझ भी ।
शामत समझते हैं ।।
रहते देख दिल में ।
दावत समझते हैं ।।
फोकट आज खेदू।
लागत समझते हैं ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
24-04-2024बुधवार

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