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26 Feb 2024 · 1 min read

तपना पड़ता है

तपना पड़ता है…

पर्व, त्योहार,,
शादी विवाह सबकुछ छोड़ा है,,
सरकारी नौकरी पाने के लिए,,,
हमने अपना घर छोड़ा है!!

कठोर रहना पड़ता है,
सोते, जागते उठते बैठते,,
घूमते फिरते,,,
पढ़ना पड़ता है,,,,
सरकारी नौकरी पाने के लिए,,,,,
लोहे सा तपना पड़ता है!!

पसंद हमें भी होते हैं फिल्म,
फिल्मी जगत के अभिनेता,,
बस हमें ये सब भूलकर,,,
किताबों को पसंद करना पड़ता है,,,,
कोई विकल्प कहां छोड़ा है इस सरकारी नौकरी ने,,,,,
हमें उसके सपने खुली आंखों से जागते हुए देखना पड़ता है!!

जब भी आती है बहाली नौकरी की,
घर से आता है फोन,,
इस बार हो पाएगा,,,
ये बात ये याद दिलाता है,,,,
कि एक पद के लिए हमने,,,,,
ना जाने कब से अपने रिश्तेदारों,,,,,,
यारों के जगह पर सिर्फ़ किताबें देखी है,,,,,
ना चाहते हुए भी हमें किताबों से इतना प्यार है,,,,,,
अब तो मेरा वरण कर ले ऐ सरकारी नौकरी,,,,,,
बस अब मेरे गले में तेरा वरमाला डालने का इंतज़ार है!!

Language: Hindi
154 Views
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