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19 Feb 2024 · 1 min read

जिंदगी

जिंदगी ऐसे मोड़ आ गयी
निराश हताश जाने कहाँ खो गयी
खोजता हूँ जिंदगी जीने के बहाने
अतीत की आवाज आ गयी।।
इंसा वही हो जिंदगी में तमाम
मकसद मुकाम के हासिल किये
क्या बात हुई जिंदगी ठहर गयी।।
अतीत की आवाज़ दिलों दिमाग
पे छा गयी जिंदगी फिर नई मुकाम
पा गयी चल पड़ी फिर अंदाज़ नया
आतीत की आवाज़ क्या बात आ गयी।।
मुश्किलों दुश्वारियों में भी जिंदगी
जज्बा नही छोड़ा मौके धोखे परखना
सीखा बीते जिंदगी में जाने कितने
तारीख का नाज़ अतीत की आवाज
चाह की राह बता गयी।।
कितनी ठोकरों से घायल
जहाँ को कर दिया कायल
जिंदगी को जिंदगी की हद
हस्ती याद आ गयी।।
अतीत की आवाज़ कदमों के
निशां जिंदगी में जिंदगी की
सच्चाई जिंदगी को जिंदगी की
हद बता गयी।।
मायूस जिंदगी जाग गयी
अपनी हैसियत पहचान गयी
विखरे जज्बात जुड़ गए
जिंदगी अपनी रवानगी में चल गई।।
हर इंसान की जिंदगी अतीत के
लम्हे खास दुनियां के लिए खास
जिंदगी की राहों में जब भी
नजर आए अंधेरा पीछे मुड़ कर
देख लीजिये अतीत की आवाज़
सुन लीजिए।।
टूट जाएगी मुश्किलों की ठोकरे
जिंदगी की जिंदगी की राह आईने
की तरह साफ जिंदगी नए उमंग
नई मंजिल चल गई।।

Language: Hindi
162 Views
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
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