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19 Feb 2024 · 1 min read

यूँ मिला किसी अजनबी से नही

हौंसला है अगर वक़्त भी साथ है
मुश्किलें हैं बड़ी आदमी से नही

है दिया जल रहा रोशनी के लिए
कोई चाहत उसकी किसी से नही

फूल चुनकर लिए आ गई है शबा
आज कोई शिकायत जमीं से नही

तुमको ढूंढू कहाँ तुम कहाँ खो गई
कोई आवाज आती कहीं से नही

इक मुलाकात में बिखर सा गया
यूँ मिला किसी अजनबी से नही।

देवेंद्र प्रताप वर्मा”विनीत”

Language: Hindi
113 Views
Books from देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
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