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19 Feb 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

:: हिंदी ग़ज़ल ::
——————–

पहले ज़रा ठहरना बेटा !
फिर डग आगे धरना बेटा !

गत,आगत की फ़िक्र छोड़कर,
वर्तमान में रहना बेटा !

पहले मन को समझा लेना,
फिर कुछ और समझना बेटा !

मूल्यवान हों अधिक मौन से,
शब्द वही तुम कहना बेटा !

अपनी पीर छुपा लो मुझसे,
इतना भी मत डरना बेटा !

अनुशासन का दुर्गम पर्वत,
चढ़ना और उतरना बेटा !

मेरा तन-मन-धन तेरा है,
इसका सद्-व्यय करना बेटा !

जैसे ज्वलित दीप मंदिर में,
ऐसे जलते रहना बेटा !
००००
— ईश्वर दयाल गोस्वामी

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 139 Views
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