बेखुदी में तुमसे
बेखुदी में तुमसे
नज़र जो हम मिला बैठे,
अनचाहे ही
अपने ख़्वाबों में
तुमको हम बसा बैठे
ये सर्द शबनमी रातें
चाँद मद्धम सा,
देखा तुम्हें ख्वाबों में
और दिल हम
अपना गँवा बैठे
हिमांशु Kulshrestha
बेखुदी में तुमसे
नज़र जो हम मिला बैठे,
अनचाहे ही
अपने ख़्वाबों में
तुमको हम बसा बैठे
ये सर्द शबनमी रातें
चाँद मद्धम सा,
देखा तुम्हें ख्वाबों में
और दिल हम
अपना गँवा बैठे
हिमांशु Kulshrestha