Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

* यह टूटती शाखाऐं है *

***
यह उस पेड़ की टूटती हुई शाखाऐं है
वृद्ध हो चुका है वह जीर्ण हो चुका है
यह शाखाऐं
छोड़ती हुई नज़र आती है उसे
अपने में समाये रखने की सामर्थ्य
अब उसमें नही है
जो बढ़ रहा है प्रदूषण
प्राकृतिक और सामाजिक) उसमें
स्वयं को भी
सुरक्षित नहीं रख पायेंगा वह
यह टूटती शाखाऐं कभी पूजी जाती थी
जब तलक
अस्तित्व इनका उस पेड़ के साथ था
विलग हुई जब उससे तो
जलाने कोई ले गया
अस्तित्व संकट में पड़ गया
बिन साये उस बूढ़े पेड़ के
यह टूटती शाखाऐं
खोने चली चैन अपना
होकर उससे विलग
थी कभी उसी संग-समाहित
यह टूटती शाखाऐं है यह टूटती शाखाऐं है।।
💐मधुप “बैरागी”

Language: Hindi
1 Like · 141 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all

You may also like these posts

जीयो
जीयो
Sanjay ' शून्य'
4590.*पूर्णिका*
4590.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी के सफर में अकेले चले ,
जिंदगी के सफर में अकेले चले ,
Manju sagar
नसीहत
नसीहत
Slok maurya "umang"
मातु शारदे
मातु शारदे
Sudhir srivastava
दो ग़ज़ जमीं अपने वास्ते तलाश रहा हूँ
दो ग़ज़ जमीं अपने वास्ते तलाश रहा हूँ
Shreedhar
मौसम तुझको देखते ,
मौसम तुझको देखते ,
sushil sarna
Rikvip Garden
Rikvip Garden
rikvipgarden
अर्पण कर दो राम को, बचे हुए सब श्वास।
अर्पण कर दो राम को, बचे हुए सब श्वास।
संजय निराला
असफलता के डर से पीछे हटना हमें कभी भी सफल नहीं बनाता। अच्छी
असफलता के डर से पीछे हटना हमें कभी भी सफल नहीं बनाता। अच्छी
ललकार भारद्वाज
"एकता"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं भी भोला तू भी भोला पर तू पालनहारा भजन अरविंद भारद्वाज
मैं भी भोला तू भी भोला पर तू पालनहारा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
"CCNA® Training in London: Become a Certified Network Associate with Cisco"
bandi tharun
तुम्हारी आँखें कमाल आँखें
तुम्हारी आँखें कमाल आँखें
Anis Shah
हिन्दू -हिन्दू सब कहें,
हिन्दू -हिन्दू सब कहें,
शेखर सिंह
तुम्हे वक्त बदलना है,
तुम्हे वक्त बदलना है,
Neelam
फर्क
फर्क
ओनिका सेतिया 'अनु '
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
9) दिल कहता है...
9) दिल कहता है...
नेहा शर्मा 'नेह'
अकारण सेकेंडों की बात मिनटों व घण्टों तक करने वाले न अपना भल
अकारण सेकेंडों की बात मिनटों व घण्टों तक करने वाले न अपना भल
*प्रणय प्रभात*
****शिव शंकर****
****शिव शंकर****
Kavita Chouhan
गोरे गोरे गाल
गोरे गोरे गाल
RAMESH SHARMA
राहें
राहें
विक्रम सिंह
सिखों का बैसाखी पर्व
सिखों का बैसाखी पर्व
कवि रमेशराज
कुछ दोहे
कुछ दोहे
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
पूर्वार्थ
दादरा ताल
दादरा ताल
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
आँखों में नींदें थी, ज़हन में ख़्वाब था,
आँखों में नींदें थी, ज़हन में ख़्वाब था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...