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14 Feb 2024 · 1 min read

कुछ नया करो।

क्षण क्षण हर क्षण, पल पल प्रति पल
यह ध्यान करो कुछ नया करो
यथार्थ में जिओ ,बीता भूलो
संबारो भविष्य, इतिहास रचो

प्रति स्वांस, स्वांस यह ध्येय रमो
निः स्वार्थ बनो ,सेवा भाव रखो
संतान परमपिता की तुम हो
किंचित न डरो , खुद का स्वयं उथान करो

प्रति शब्द ,शब्द वाणी पर तुम
गोर करो, गहन विचार करो
सुन न सको जिन शब्दो को
न बोलो , कंठ को शुद्ध करो

प्रति भोर भोर, प्रति सांझ सांझ
संकल्पित हो “दीप” खुद अपने प्रति
सेवा जन जन की कर कर के
सब तीर्थ करो सकल पुण्य फल लो

-जारी
– कुल’दीप’ मिश्रा

Language: Hindi
2 Likes · 134 Views

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