मां
आपका हर दुख जो अपना कर देना चाहती है,
आपको हर इक कोने से जो सुख देना चाहती है।
आपके रोने पर जिसका हृदय टूट जाता है,
आपके मुस्कुराने से जिसका मन खिल उठता है।
प्रभु का करके ध्यान जो फल आपको देना चाहती है,
आप पर आने वाले हर कष्ट को सह लेना चाहती है।
आपके आंखों में देखकर सब बात समझ जो जाती है,
वो कोई और नहीं जग में प्यारी सी मां होती है।।
आपको प्यारी नींद सुलाने को रातों रातों जो जगती है,
आपको सुखे में रखकर खुद गीले में सो जाती है।
यदि गिर जायेतो आपसे ज्यादा पीड़ा जिसको होती है ,
यदि आप बीमार पड़ जाए तो वो मन से सेवा करती है,
आपके बढने से हर क्षण जो खूब प्रसन्न हो जाती है,
तू तड़ाक चिल्लाना भी जो आपका सब सह लेती है,
कपड़ों से लेकर खाना पीना हाथों में सब जो देती है,
वो कोई और नहीं जग में प्यारी सी मां होती है।।
जब पापा से कुछ कहना हो तो संदेशा जो पहुंचाती है, आपके हर इक छोटी जरुरत को भी ध्यान में रखती है,
पढ़ने-लिखने खेल कूद में हर क्षण साथ जो रहती है,
कभी कभार गुस्से में जो गाली भी जी भर देती है,
जिसकी गोदी आपका इक सुख का बिस्तर होता है,
जिसकी साड़ी का पल्लू आपका बड़ा सहारा होता है,
जिसके साथ में रहने पर कभी विपदा कोई न आती है
वो कोई और नहीं जग में प्यारी सी मां होती है।।
जो आपके आंसू को पोंछकर आपको ढांढस बंधाती है
आपकी हर गलती को स्वीकार करके माफी भी देती है,
आप कमजोर पड़े तो अन्तर्यामी बनकर शक्ति देती है,
आपके हर इक कर्म को जो सरल बनाना चाहती है,
जिसके हाथ आपके लिए देवी की तरह शक्तिशाली है,
जिसका प्रेम आपके लिए समुद्र जितना गहरा है
जो वास्तव में कठिन समय में कभी साथ नहीं छोड़ती,
वो कोई और नहीं जग में प्यारी सी मां होती है
दुर्गेश भट्ट