Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2024 · 1 min read

॥॰॥॰॥॰॰आतिथि आगमन॰॰॥॰॥॰॥

🍁जब आयें अतिथि निज द्वार ,हुआ अच्छें से स्वागत सत्कार !!
बैठाया बड़े भाव से, कराया जल का पान
बोले हम बड़े प्यार से कैसे है श्रीमान,
दिया मीठा पकवान
बोले वो सब कुशलमंगल हैं श्रीमान
आप बताए क्या हाल , अरसे हुए मिलान
बैठे -२ शुरू हो गया प्रश्न-उत्तर का गुणगान एक ज़माना हमारा था,
जब पूछा जाता था चिट्ठी से सबका बखान
अधूरे लगने लगे हर रिश्ते
जब ले लिया टचस्क्रीन ने सबके हाथों में स्थान
क्या वो दिन थे जब हुआ करते थे फ़िल्मी दुनिया का बखान
जब आयें अतिथि निज द्वार ,हुआ अच्छें से स्वागत सत्कार !!
समाप्त हुई सभी बातों पर चर्चायें ,उठे अतिथि
दिया १०० का नोट , बोले खाना इसकी चाट पकोड़ी
अब लेते है सबसे बिदा , फिर से मिलते है श्रीमान !!
~~~~॰॰॰~~॰~॰~॰~~~॰~~॰॰~~॰~॰॰॰~~~
~~~~~~~<<<<<~~~~~~~~~<~~<<~<<~~
रचनाकार – 😇 डॉ० वैशाली ✍🏻

Language: Hindi
143 Views
Books from Dr. Vaishali Verma
View all

You may also like these posts

उदासी की चादर
उदासी की चादर
Phool gufran
खाक हुई शमशान में,
खाक हुई शमशान में,
sushil sarna
केवल दिन, सप्ताह,महीने और साल बदलने से कुछ नही होने वाला आपक
केवल दिन, सप्ताह,महीने और साल बदलने से कुछ नही होने वाला आपक
Rj Anand Prajapati
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
Rj Anand Prajapati
तन्हा
तन्हा
Shyam Sundar Subramanian
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
Sonam Puneet Dubey
फिल्मी गानों से छंद
फिल्मी गानों से छंद
आचार्य ओम नीरव
*नारी हूं मैं*
*नारी हूं मैं*
ABHA PANDEY
प्यार जिंदगी का
प्यार जिंदगी का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
ज़माने में हर कोई अब अपनी सहूलियत से चलता है।
ज़माने में हर कोई अब अपनी सहूलियत से चलता है।
शिव प्रताप लोधी
कोशिशें भी कमाल करती हैं
कोशिशें भी कमाल करती हैं
Sunil Maheshwari
चले बिना पाँव झूठ कितना,ये बात हम सबको ही पता है
चले बिना पाँव झूठ कितना,ये बात हम सबको ही पता है
Dr Archana Gupta
मैं  रहूँ  या  ना रहूँ
मैं रहूँ या ना रहूँ
DrLakshman Jha Parimal
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
पूर्वार्थ
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr .Shweta sood 'Madhu'
मेरे देश की बेटियों
मेरे देश की बेटियों
करन ''केसरा''
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
Manisha Manjari
त्योहार का आनंद
त्योहार का आनंद
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
"वसीयत"
Dr. Kishan tandon kranti
ये उम्र भर का मुसाफ़त है, दिल बड़ा रखना,
ये उम्र भर का मुसाफ़त है, दिल बड़ा रखना,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बूढ़े लोग।
बूढ़े लोग।
Kumar Kalhans
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
तू दुर्गा , तू पार्वती है ।
तू दुर्गा , तू पार्वती है ।
लक्ष्मी सिंह
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
शिकायते बहुत हीं हैं ,
शिकायते बहुत हीं हैं ,
Manisha Wandhare
Loading...